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सपनों की मायानगरी मुम्बई की चमक से कोई अछूता नहीं रहा। लेकिन अपनी मंजिल तक पहुंच पाना आसान नहीं। दिल में जज्बा, जुनून और खुद को इस काबिल बनाना कि हर चुनौती को पार कर सके। यदि योग्यता और कौशल में आप निपुण हैं तो कोई भी मंजिल में पहुंचने से आपको रोक नहीं सकता। कोलकाता के टालीगंज की होनहार, मेहनती और आकर्षक व्यक्तित्व की धनी रिया रॉय ने मुम्बई आते ही अपनी कुशलता का जौहर दिखा दिया है।

कोलकाता से मुम्बई आने से पहले रिया ने स्वयं को अभिनय और सौंदर्य के हर कौशल में परिपूर्ण बना लिया है।

दर्शकों को मशहूर पार्श्वगायक कुमार शानू के पुत्र जान कुमार शानू के नए म्यूजिक एलबम ‘सुट्टा’ में रिया रॉय की अदाकारी और खूबसूरती का जलवा देखने को मिलेगा। यह एक पेप्पी पार्टी सांग है जो कश्मीर की अदभुत सुंदर वादियों में फिल्माया गया है। इस एल्बम से रिया रॉय मायापुरी की दुनियां का हिस्सा बनेंगी।

रिया रॉय का बचपन अभिनय की दुनिया में ही बीता है। इनके पिता को भी अभिनय का जुनून था इसलिए उन्होंने रंगमंच में अपने युवा समय पर कई नाटकों में अभिनय किये हैं। रिया को अभिनय विरासत में मिली है और अपनी योग्यता से अभिनय में निखार लाने का श्रेय खुद रिया का है।

रिया ने अभिनय जगत की हर बारीकी को ध्यान में रखकर खुद को काबिल बनाया है। वह मेहनत पर विश्वास करती है।

अपने कैरियर की शुरुआत रिया ने मॉडलिंग से की है साथ ही रंगमंच में भी काम किया है। कई बेहतरीन विज्ञापन फिल्मों वह काम कर चुकी है तथा कई ब्रांड की वह हाई पॉइंट भी रही है। कई बड़े ज्वेलर्स के विज्ञापनों में रिया की सुंदरता देखते बनती है जैसे ओरा डिमांड ज्वेलर्स आदि। कई सौंदर्य सामग्री के विज्ञापनों के साथ बड़े रिसोर्ट के विज्ञापन में भी रिया का जलवा कायम है जिसमें हाल ही में खानवेल रिसोर्ट सिलवासा का विज्ञापन मुख्य है।

रिया को अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, माधुरी दीक्षित, आयुष्मान खुराना, रणवीर सिंह और नवाजुद्दीन सिद्दिकी जैसे अभिनय की दुनिया में अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त करने वाले दिग्गज लोग अच्छे लगते हैं। रिया भी अपनी योग्यता और कौशल की बदौलत ऊचाइयों तक पहुंचना चाहती है। पूर्ण आत्मविश्वास से भरी रिया ने स्वयं में कमी होने नहीं दी है वह नयापन और अपने व्यक्तित्व में सुधार करते रहती है। वह योगा, मेडिटेशन, डांस में ध्यान देती है। अपने जीवन शैली और खानपान का भी ध्यान रखती है। अपनी कमी को दूर करना और अपने कौशल (स्किल) में सुधार करने में रिया विश्वास रखती है।

रिया को उनके माता पिता का पूर्ण सहयोग और आशीर्वाद प्राप्त है। वह उनके लिए भी कुछ ऐसा करना चाहती है कि उन्हें अपनी पुत्री पर गर्व हो। अपने जन्मदिन पर रिया वृद्धाश्रम जाती है और बुजुर्ग लोगों से मिलती है, उनकी बातें सुनती है और उनका सहयोग करती है। रिया का कहना है कि एक जानवर तो कुछ साल ही जीते है पर मनुष्य की आयु लंबी होती है। हर माता पिता अपने बच्चों के लिए अपना पूरा जीवन झोंक देता है और वृद्ध होने पर उनके बच्चे उन्होंने आश्रम की राह दिखा देते हैं और उनकी सुध भी नहीं लेते। इन सभी वृद्ध मातापिता का ध्यान रखना हर इंसान का फर्ज है। ये वृद्ध नहीं बच्चे बन जाते हैं जिनका ध्यान रखना आवश्यक है। रिया आत्मविश्वासी और दृढ़ निश्चयी है। अभिनय की दुनिया में वह अपना अलग मुकाम बनाना चाहती है। जैसे अमिताभ बच्चन इस अवस्था में भी खुद का ध्यान रखते हुए काम कर रहे हैं वैसे ही उम्र के अंतिम पड़ाव तक रिया काम करते रहना चाहती है।

रिया ने जान कुमार शानू के म्यूजिक एलबम से शुरुआत कर दी है। आगे उनके पास कई प्रोजेक्ट हैं जिनमें वह दर्शकों को जल्द दिखायी देंगी।

कोलकाता से मुम्बई आने से पहले रिया रॉय ने स्वयं को अभिनय और सौंदर्य के हर कौशल में परिपूर्ण बना लिया है।

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