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पत्रकार एवं लेखक अंशुल चतुर्वेदी ने अपनी पुस्तक ‘द विवेकानंद हैंडबुक फॉर एवरीडे लिविंग को लिखने के पीछे के प्रेरणाश्रोत का प्रकट किया

12 जुलाई 2021, कोलकाता: पत्रकार एवं लेखक अंशुल चतुर्वेदी ने प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा आयोजित और श्री सीमेंट द्वारा प्रस्तुत ‘द राइट सर्कल स्पेशल’ के एक वर्चुअल ऑनलाइन सत्र में स्वामी विवेकानंद पर लिखी गयी अपनी नई पुस्तक पर अपने विचारों को साझा किया। इस सत्र के दौरान फिल्म निर्माता और पर्यावरणविद्, पद्मश्री नीला माधब पांडा ने अंशुल से इस पुस्तक को लेकर विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। अहसास वुमन की चंडीगढ़ शाखा की तरफ से रिश्मा गिल ने इस सत्र का संचालन किया।

 ‘द विवेकानंद हैंडबुक फॉर एवरीडे लिविंग’ नामक यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और उनके सिद्धांतों और आदर्श को किसी भी व्यक्ति के दैनिक जीवन में लागू करने के लिए एक कुशल मार्गदर्शक है। इस पुस्तक को आधिकारिक तौर पर 28 जून 2021 को लॉन्च किया गया था।

लेखक ने इस सत्र में शामिल दर्शकों के एक प्रश्न के उत्तर में समझाया कि उनके द्वारा लिखी गयी यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के धार्मिक विचारों का विद्वतापूर्ण विश्लेषण नहीं है, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में उनके विचारों की व्यावहारिकता का वर्णन है। यह एक अकादमिक कार्य नहीं है, बल्कि एक यात्रा वृत्तांत है, जहां स्वामी विवेकानंद यात्रा गाइड के रूप में हैं। मेरा निजी मानना है कि मुख्य रूप से इस पुस्तक को स्वामी विवेकानंद की महानता के बारे में अन्य धार्मिक पुस्तक के रूप में नहीं पढ़ा जाना चाहिए। इसलिए मैंने इसे उनके ज्ञान और उनके बयान के रूप में नहीं लिखा, क्योंकि मेरा विचार यह है कि आम लोगों के लिए इस पुस्तक में लिखी बातों को समझना और निजी जीवन में उसे कार्यान्वित करना बेहद आसान होना चाहिए।

अंशुल ने कहा, मेरे इस किताब के इस तरह से मार्केट में आने का कारण यह भी है कि जब मै छोटा था, तभी से मेरे मन और मस्तिष्क में इस व्यक्ति (स्वामी विवेकानंद) के आदर्श और सिद्धांत से मुझे काफी प्रेरणा मिली, जिसके कारण मै इनसे प्रेरित और प्रभावित हुआ था. इस अद्भुत प्रेरणाश्रोत व्यक्तित्व को लेकर मैंने अबतक के जीवन में जो अनुभव किया है, उस एहसास को मैंने अपनी आंखों के माध्यम से इस पुस्तक में उतारने की कोशिश की है। पिछले 100 वर्षों में एक से बढ़कर एक विद्वानों ने उनके बारे में काफी विस्तृत आकार में उनके बारे में वर्णन किया है, इसलिए मुझे उनकी महानता को दोहराने की आवश्यकता नहीं है। मैं उनके व्यक्तित्व पर टिप्पणी करने के योग्य बिल्कुल नहीं हूं कि उन्होंने मेरी सोच को कैसे आकार दिया है। उनका कद और बुद्धि किसी व्यक्ति विशेष द्वारा किये गये वर्णन से परे है।

आई एम कलाम, कड़वी हवा और कलीरा अतिता जैसी पुरस्कार विजेता फिल्में बनाने वाले नीला ने कहा कि, वह 200 पृष्ठों की इस किताब से काफी प्रभावित हुए हैं, क्योंकि इस पुस्तक में स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को काफी गहरायी से समझाने की कोशिश की गयी हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक लोगों के लिए आज के इस कठिन घड़ी में मानसिक और भावनात्मक बूस्टर का काम करेगी।

  

यह किताब, अब ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन पर उपलब्ध है, इसकी कीमत 279 रुपये (किंडल संस्करण) और 499 रुपये (पेपरबैक) निर्धारित की गयी है।

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